Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Biography, Fees, Age, Wife, Donation, Net Worth, Contact Number and more …
आज के 70 -80% युवा गलत दिशा में जा रहे हैं और कुछ अच्छा करने या कुछ निर्माण करने की दिशा से भटकते जा रहे हैं और अगर इन युवा और युवतियों को गलत दिशा में जाने से नहीं रोका गया तो यह प्रतिशत लगातार बढ़ने ही वाला है। क्योंकि आजकल हर एक लड़का और लड़की के पास Smart Phone है जिसका वह गलत उपयोग करके गलत दिशा में जा रहे हैं।
और चुकी इन सभी युवा, युवतियों पर ही राज्य और देश का सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति निर्भर करती है। इसलिए इन युवाओं को ऐसे गलत और विध्वंस दिशाओं में जाने से रोकना बहुत जरूरी है जिससे उन्हें और देश को हानि न हो। तो इसके लिए हर एक युग में कोई महामानव, महाराज ,भगवान या कोई बुद्ध ,महावीर , ऋषि मुनि, या कोई बाबा जी ने हमेशा अवतार लेकर गलत दिशा में जाने वाले मनुष्यों को उस रास्ते से हटाकर सही दिशा में अग्रसर करते हैं।
तो कलयुग के एक ऐसे ही महाराज जी हैं जो बच्चे से लेकर युवा, युवतियों, बूढ़े और सभी लोगों को जो गलत रास्तों पर जा रहे होते हैं, जो गलत काम कर रहे होते हैं उन्हें अपने प्रवचन, कथा और मोटिवेशनल बातों से सही रास्ता दिखाने का काम करते हैं इतना ही नहीं सही रास्ता दिखाने के साथ-साथ वे उचित गरीब, असहाय और वृद्ध माता की भी अपने तरफ से हर संभव उन्हें मदद करते हैं।
तो इस ब्लॉग पोस्ट में श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज के जन्म से लेकर एक विख्यात कथावाचक, अध्यात्मिक गुरु और समाज सेवक बनने की यात्रा शुरू से लेकर अंत तक विस्तार से जानेंगे तो आइए शुरू करते हैं…
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का घर, जन्म और बचपन
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 में मध्यप्रदेश के दमोह जिले मे रिंवझा नामक गाँव में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। और जैसा कि हम सभी जानते हैं और देखते हैं कि सभी बच्चे बचपन से बचपन में बहुत ही नटखट चंचल , शरारती और थोड़े बदमाश होते हैं लेकिन गुरुजी वैसे बचपन में बिल्कुल भी नहीं थे।
वे बचपन से ही काफी शांत और सुशील थे और उनका बचपन में ही झुकाव भगवत्ता की ओर हो गया था।क्योंकि उनके पिताजी एक पुजारी थे उनका भगवान के प्रति काफी आस्था थी। और हमेशा भगवान का चिंतन मनन करने के साथ-साथ पूजा पाठ किया करते थे।
क्योंकि उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था इसलिए उनकी प्रारंभिक शिक्षा लगभग पांचवी कक्षा तक उन्होंने अपने गांव के ही सरकारी विद्यालय में की।
उनकी बचपन में भागवत की ओर इतनी झुकाव हो गया था कि वे भी हमेशा मंदिर के गांव में जाया करते थे और उस पुजारी के पास जाकर बैठा करते थे। अनिरुद्धाचार्य जी के पिता का नाम श्री अवधेशानंद गिरी था जो कि गांव में ही खेती-बाड़ी किया करते थे और उनकी माता गृहिणी थी।
महाराज की बचपन में कभी कभी गाय को चराने के लिए खेत भी जाते थे और इस दौरान वह अपने साथ कुछ धार्मिक किताबें भी लेकर जाते थे जिसे वह गाय चराते समय पढ़ते भी थे।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के कथावाचक बनने की शुरुआत कैसे हुई?
चुकी महाराज जी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था इसलिए उन्होंने पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी विद्यालय से की। इसके बाद उनके माता-पिता के पास इतने पैसे थे नहीं कि वह किसी अच्छे प्राइवेट स्कूल में उनका एडमिशन करवा कर उनकी पढ़ाई करवाए और महाराज जी का भी पढ़ाई लिखाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि उनका झुकाव भगवत्ता की ओर बचपन में ही काफी ज्यादा हो गया था और शायद महाराज जी ने बचपन में ही यह जान लिया था कि एक दिन भगवान के शरण में ही जाना है और अंत में उनका ही नाम जपना है तो अभी से व्यर्थ में संसार के क्रियाकलापों में पढ़ने से क्या लाभ। और जैसा कि आप लोग सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्णा भी अपने बाल्यकाल के समय गाय चराने के लिए जाते थे तो महाराज जी भी अपने बाल्यावस्था में गाड़ी चलाने के लिए जाते थे और इस दौरान अपने साथ कुछ धार्मिक किताबें लेकर पढ़ाई करते थे।
इसलिए वे अपने गांव में ही जब थे तो वह शुरू से ही बहुत सारे धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण, महाभारत, वेद इत्यादि को पढ़ने लगे। लेकिन उनको अपने गांव में वैसा माहौल नहीं मिल पा रहा था जहां से वे अपने भगवान की प्राप्ति की सपना पूरा कर सके। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि भगवान कृष्ण के धाम वृंदावन जाएंगे।
फिर क्या था उन्होंने अपने माता-पिता से आज्ञा लेकर वृंदावन के लिए चल पड़े और वृंदावन पहुंचकर उन्होंने संत गिरिराज शास्त्री जी महाराज के यहां शरण लेकर उनसे दीक्षा प्राप्त किया।और गुरूजी से अध्यात्म ज्ञान लेने के साथ साथ बहुत सारे धार्मिक ग्रंथ, दर्शनशास्त्र , वेद , उपनिषद, पुराण,रामायण और महाभारत जैसी किताबें पढ़कर सनातन धर्म को गहराई से जानने लगे।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कब से कथा करना शुरू किया ?
महाराज जी गांव से जब वृंदावन भगवता की प्राप्ति और सनातन धर्म को जानने के लिए आ गए तो यहां उन्होंने संत गिरिराज शास्त्री जी महाराज के आश्रम में शरण लेकर उनसे दीक्षा प्राप्त करके वहां उन्होंने हिंदू धर्म के अनेकों धार्मिक धार्मिक ग्रंथ को पढ़ाना शुरू किया और साथ-साथ अपने गुरु जी से भी उन्होंने कई सारे सनातन धर्म से संबंधित सवाल पूछ कर उनसे जानकारी लिया। ये सिलसिला काफी समय तक चला और जब महाराज जी को सनातन धर्म के बारे में काफी पता हो गया उन्हें अब ऐसा लगने लगा कि वे सनातन धर्म के बारे में काफी कुछ जान चुके हैं और अब अपने अध्ययन और जाने हुए चीजों को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाए ,सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ-साथ लोगों को गलत रास्ते से हटाकर उन्हें सही रास्ते पर मार्गदर्शन दिखाया जाए और उन्हें भागवा की प्राप्ति के लिए जागरूक किया जाए तब महाराज जी ने अपने संत गिरिराज शास्त्री जी महाराज से आज्ञा लेकर जगह-जगह जाकर उन्होंने सनातन धर्म और भगवान के बारे में पाठ करने लगे लोगों को तार्किक और बौद्धिक बातों से उन्होंने लोगों को सही मार्ग दिखाने का कार्य करने लगे और यही से महाराज जी की कथा करने की शुरूआत हो गई।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की शादी ( Marriage )
श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज का ऐसा मानना है कि सभी युवाओं को सही समय पर लगभग 20 से 25 वर्ष की आयु में शादी कर लेनी चाहिए क्योंकि इससे युवाओं के मन का संतुलन बना रहता है और वह गलत दिशा में जाने से बच सकते हैं चुकी महाराज जी लोगों को यह बातें कहते हैं तो उन्हें खुद भी यह बातें करनी चाहिए इसलिए महाराज जी ने भी सही समय पर शादी कर ली थी उनकी पत्नी को उनके अनुयाई गुरुमां के नाम से जानते हैं और महाराज जी के एक बेटा और बेटी भी हैं।
साथ ही महाराज जी अपने भक्तों को यह भी बताते हैं की शादी करने के बदले में अपने ससुराल वालों से कभी भी दहेज नहीं लेना चाहिए क्योंकि जो दहेज लेते हैं वह भिखारी होते हैं अगर हां अपने मन से खुशी से अपने बेटी को कुछ दे तो वह अलग बात है लेकिन दहेज की जबरदस्ती या मांग नहीं करनी चाहिए और महाराज जी ने खुद भी शादी में अपने ससुराल वालों से कुछ नहीं लिया था।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज Social Media पर Famous कैसे हुए?
जब महाराज जी ने अपने गुरु संतगिरिराज से है महाराज जी ने आज्ञा लेकर जगह-जगह जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ-साथ लोगों को गलत मार्गो से हटकर सही दिशा दिखाने का कार्य करने लगे तो उनका तार्किक बातें और कथा, प्रवचन लोगों को काफी पसंद आने लगा और धीरे-धीरे उनसे बहुत से लोग जुड़ने लगे।
लेकिन महाराज जी चाहते थे कि यह हमारी बातें सनातन धर्म की बातें सैकड़ो हजारों लोगों के अलावा लाखों देश -विदेश के बच्चे ,जवान ,युवा, युवती और वृद्ध लोगों तक पहुंचे ताकि कम समय में ज्यादा लोग प्रभावित हो और अपने धर्म की महत्ता, अपनी जीवन की महत्ता और अपने कार्य की महत्व को समझें।
और लोगों ने भी उनसे यह मांग करने लगे कि आप अपने बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि हम आपकी बातों को केवल वृंदावन आने पर ही नहीं बल्कि अपने घर बैठे ही सुन सके अपने बच्चों को बता सके और भी लोगों को शेयर कर सके।
तब महाराज जी ने सोशल मीडिया साइट्स जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर अपना अकाउंट बनवाया और अपने कथा प्रवचन की वीडियो रिकॉर्ड करके उसे पर अपलोड करने लगे।
शुरुआत में तो उनके सोशल मीडिया के वीडियो पर कम रिस्पॉन्स आए फिर भी महाराज जी ने अपने टीम को यह आदेश दिया कि चाहे रिस्पांस कैसा भी आए आप हमारे हर प्रवचन और कथा को सोशल मीडिया पर वीडियो रिकॉर्ड करके जरूर अपलोड करें। तो उनके टीम के लोगों ने भी लगातार उनके सभी वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने लगे। जिसका परिणाम यह हुआ कि काफी लोग महाराज जी के कथा और प्रवचन को वृंदावन में सुनने के साथ-साथ अब घर बैठे भी सुनने लगे। और साथ-साथ माताएं , बहनों ने काफी ज्यादा सोशल मीडिया पर और TV पर महराज की कथा सुनने लगे।
और अभी उनके यूट्यूब चैनल पर 17 Million लगभग सब्सक्राइबर्स हैं। उनके चैनल के माध्यम से सभी बच्चे से लेकर युवा, युवतियों और वृद्धि माताएं घर बैठे भी महाराज जी के लाइव प्रसारण का आनंद उठाने के साथ-साथ उनके दर्शन और कथा का आनंद लेते रहते हैं।
और महाराज जी अब वृंदावन के अलावा भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ विदेश में भी जाकर प्रवचन, कथा और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं। और उनकी कथा को सुनने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है। अभी उनके लाखों प्रशंसक और फॉलोअर्स है और अब वे भारत के सबसे जायदा Subscribers वाले और नंबर 1 कथावाचक बन गए हैं।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के पांच प्रमुख सेवाएं:-
i) वृद्ध आश्रम सेवा – श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के द्वारा गरीब वृद्धों की सेवा के लिए आश्रम स्थापित किया गया है।
वृद्ध आश्रम की स्थापना का उद्देश्य है उन वृद्ध व्यक्तियों को शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करना जो अकेले हैं और उनके परिवारों द्वारा छोड़े गए हैं।
गौरी गोपाल वृद्ध आश्रम एक निःशुल्क आश्रम है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह आश्रम अपने क्षेत्र में सड़क से दूर एक शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित है। यह आश्रम वृद्धों के लिए है, जो अकेले हैं और अपने परिवार द्वारा त्याग दिए गए हैं। आश्रम में वृद्धों को खाने का भोजन, रहने की व्यवस्था और दवाइयां ,सेवाएं, और उनकी भलाइयों की सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध होती हैं। आश्रम में वृद्धों के साथ समय बिताने के लिए कई गतिविधियों भी आयोजित की जाती हैं।
ii) गौरी गोपाल अन्नक्षेत्र सेवा – संतों की भोजन प्रसादी सेवा और अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान किया जाता है।
इस सेवा में संतों को प्रसाद का वितरण और अन्नपूर्णा रसोई का संचालन शामिल है, जहां हजारों भक्तों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। यह पहल स्वार्थहीन सेवा और समुदाय की भोजन करने के महत्व को प्रमोट करती है क्योंकि श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज हमेसा यह कहते हैं कि
‘अन्न दानं समं दानम् न भूतो न भविष्यति।’ देवर्षि-पितृ-भूतानां तृप्तिरन्नेन जायते॥ अर्थात अन्नक्षेत्र के समान दान न पूर्व में हुआ है, ना अब है, ना आगे होगा। क्योंकि देवताओं की, देवियों की, पितरों की इत्यादि सर्व की तृप्ति अन्न से ही होती है। अत: स्पष्ट है कि अन्न दान से बढ़कर कोई दान हो ही नहीं सकता।
iii) गौरी गोपाल गौशाला में सेवा – गौ माताओं की सेवा के लिए गौशाला संचालित की जाती है।
गौ माताओं की देखभाल और सेवा करना यह सेवा गौशाला की गौ माताओं की सेवा के लिए है। इस पहल का उद्देश्य है गौ माताओं को आश्रय, भोजन और चिकित्सा सेवा प्रदान करना। हिन्दू संस्कृति में गौ माता को पवित्र मानते हैं, और यह सेवा समाज के कल्याण के लिए गौ सेवा के महत्व को उजागर करती है।
अनादिकाल से ही मानव जाति गौमाता की सेवा कर अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, निरोगी, ऐश्वर्यवान एवं सौभाग्यशाली बनाती आ रही है। क्योंकि गौमाता एक जीता जागता जाग्रत भगवन ही है जिसके अन्दर सभी देवी-देवताओं का वास होता है और कहते हैं एकमात्र गौसेवा करने से मनुष्य अपनी समस्त मंगलकामनाओं की पूर्ति कर सकता है।
iv) बंदर सेवा – बंदर सेवा के माध्यम से वन्य प्राणियों की सेवा की जाती है।
वन्य प्राणियों, विशेषकर बंदरों की सेवा करना।
यह सेवा जंगली जीवों, विशेषकर बंदरों की सेवा को लेकर है। इस पहल में बंदरों की देखभाल और सेवा शामिल है। इससे समझाया जाता है कि सभी जीवों के प्रति करुणा और जिम्मेदारी की आवश्यकता है।
पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित किया है और उनका एक महत्वपूर्ण हिस्सा बंदर सेवा है। बंदर सेवा में, उन्होंने बंदरों की सेवा करने का अनूठा प्रयास किया है, जो वन्य प्राणियों की रक्षा और उनके संरक्षण में मदद करता है!
V) गुरुकुल सेवा – श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जी ने प्राचीन शिक्षा प्रणाली की तरह ही एक अपना गुरुकुल की स्थापना करवाया है जिसमें निःशुल्क जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा और शिक्षा से संबंधित चीजे प्रदान किया जाता है।
गुरुकुल एक प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली है, जहां छात्र गुरु के आश्रम में रहकर विद्या प्राप्त करते हैं। पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के गुरुकुल में, युवा ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिनियाँ ध्यान, आध्यात्मिकता, और संस्कृति के माध्यम से अपनी शिक्षा को पूरा करते हैं। इस विशेष शिक्षा प्रणाली के माध्यम से, छात्र न केवल शैक्षिक ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि उन्हें आदर्श नागरिकता, जिम्मेदारी, और नैतिक मूल्यों का सही दृष्टिकोण भी प्राप्त होता है।
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श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के सामाजिक कार्य (Social Work)
कथावाचन, प्रवचन और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर लोगों को गलत रास्ते से हटाकर सही रास्ते पर ले जाने का काम करने के साथ-साथ अनिरुद्धाचार्य जी महाराज अनेकों समाज सेवा के कार्य भी करते हैं।
जब महाराज जी प्रवचन करते हैं तो उसके वे हजारों रुपए चार्ज करते हैं इसके अलावा अपने कथा की वीडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया जैसे यूट्यूब ,इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अपलोड करते हैं तो इन सोशल मीडिया वेबसाइट के मोनेटाइजेशन से भी महीने के लाखों रुपए कमाते हैं क्योंकि इनके सोशल मीडिया पर सब मिलकर 2 करोड़ से भी ज्यादा फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स हैं। इसके अलावा महाराज जी के बहुत बड़े-बड़े बिजनेसमैन, अमीर आदमी, प्रशंसक और उनके अनुयाई हैं जो महाराज जी को दान स्वरूप काफी चीज भेंट करते हैं और साथ ही इनके कथा में हजारों की संख्या में लोग आते हैं। वे लोग ही महाराज जी की सेवा में कुछ ना कुछ दान देते हैं।
तो सब मिलकर महाराज जी के इनकम के कई सारे स्रोत हैं लेकिन वह अपने इस कमाई को समाज सेवा में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने में, जरूरतमंदों की सेवा करने में अपनी कमाई के आधा से अधिक भाग खर्च कर देते हैं। नीचे आप देख सकते हैं कि महाराज जी अपने कमाई को कहां और कैसे उचित कार्यों में और समाज सेवा में खर्च करते हैं…
1) महाराज जी को बचपन से ही गौ माता की सेवा करना बहुत पसंद था, इसलिए उन्होंने गौ माता के लिए एक विशाल गौशाला का निर्माण कराया, जहाँ महाराज जी की देखरेख में सैकड़ों गायों की सेवा की जाती है।
2) फिर उन्होंने एक बहुत बड़ा वृद्धाश्रम बनाया है जिसमें ऐसे बूढ़े माता-पिता रहते हैं जिनका कोई नहीं है या जिन्हें उनके बेटे ने घर से निकाल दिया है, इस आश्रम में सभी वृद्ध माता और पीताओं के लिए रहना, खाना और चिकित्सा के सभी चीज फ्री में उपलब्ध है।
3) इसके साथ ही महाराज जी ने एक रेस्टोरेंट भी बनवाया है जिसमें भगवान के दर्शन के लिए वृन्दावन आने वाले लोगों को मुफ्त भोजन परोसा जाता है।
4) महाराज जी समय-समय पर गरीब बस्तियों में जाकर लोगों को जरूरत की चीजें देते हैं और उनका हालचाल पूछते हैं।
5) अनिरुद्ध महाराज अपने आश्रम में गरीब बेटियों की शादी भी अपने खर्चे से कराते हैं।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को क्यों और कैसे मिली Doctor की उपाधि?
आप लोगों को बता दे की महाराज जी का नाम अब सिर्फ श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज नहीं रहा बल्कि अब उनका पूरा नाम डॉक्टर श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज हो गया है क्योंकि दिसंबर 2023 में महाराज जी को American University USA ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने एवं सामाजिक कार्य करते हुए लोगों का जीवन बदलने की प्रेरणा एवं उनमें आत्मविश्वास जगाकर सामाजिक सेवा करने हेतू एवं दीन-दुखी-असहाय-जरूरतमंद लोगों की सेवा कर इंसानियत का फर्ज अदा करने के लिए पूज्य महाराज जी को डॉक्टर (डॉक्टरेट) की उपाधि से सम्मानित किया गया।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की कुल संपत्ति, कमाई और फीस ( Networth or Fees of Aniruddhacharya ji)
Aniruddhacharya ji Maharaj भागवत कथा, साहित्य कथा, पौराणिक कथा, कृष्ण लीला, राम लीला , प्रवचन और भजन करते हैं जिसके वो कई हजार रुपए charge लेते हैं इसके अलावा वो अपने Social Media Account जैसे YouTube Channel, Facebook page और Instagram page से भी वो महीने के हजारों रुपए कमाते हैं, नीचे आप देख सकते हैं कि Aniruddhacharya ji Maharaj की लगभग कितनी फीस और Networth है,
1) Fees – 2 से 3 लाख लगभग/ माह
2) Networth- 5 से 10 करोड़ रूपए लगभग
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का Video
अनिरुद्धाचार्य जी से संपर्क करें ( Contact number of Aniruddhacharya ji)
अगर आप लोगों को Shri Aniruddhacharya ji Maharaj से प्रवचन या कथा करवाना हो या उनसे कोई अध्यात्म से संबंधित कोई सवाल पूछना हो तो आप आप उन्हें उनके Instagram, Facebook पर Direct Message भेज सकते हैं या नीचे उनका Email I’d दिया गया है, जिस पर आप Email भेजकर उनसे बात कर सकते हैं, या नीचे उनके Team का Phone no. Available हैं आप चाहें तो उनके Team से कॉल या whatsapp 24 घंटे में कभी भी Contact कर सकते हैं,
A) Email I’d – gaurigopalvraddhashram@gmail.com
B) Mobile no. – 6399991599, 6399991699,6399991799
C) YouTube – @ DrAniruddhacharyajiMaharaj
D) Instagram – @aniruddhacharyajimaharaj
E) Facebook – @aniruddhacharyajimaharaj
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज से संबंधित कुछ तथ्य (Facts)
I) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्य प्रदेश के शहर में विष्णु वराह भगवान की नगरी से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर सिरोहा तहसील के रेवझा नामक ग्राम के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
ii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज बहुत ही कम आयु में ही बहुत कम समय में कई शास्त्रों , हनुमान चालीसा को कंठस्थ कर लिया था।
iii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज बचपन से बहुत ही शांत, सरल और सुशील स्वभाव के थे उनका बचपन में ही भगवत्ता की ओर काफी झुका हो गया था और वह प्रतिदिन मंदिर भी जाया करते थे।
iv) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जब वृंदावन आए तो यहां उन्होंने संत श्री गिरिराज शास्त्री जी महाराज जी के पास शरण लिया और उनसे सनातन धर्म के बारे में काफी कुछ सीखा।
v) कोरोना काल में सभी जरूरतमंदों के घरों में जाकर जरूरत का सभी खाद्य सामान पहुंचाया और वृंदावन में गौमाताओं, बूढ़े बुजुर्ग, बंदरों और अन्य जीवों के लिए नित्य खाने का सामान बंटवाया।
Vi) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने वृद्ध आश्रम भी खुलवाया है जिसमें वृद्ध माता-पिता ,लाचार ,असहाय और गरीब लोगों के लिए रहना ,खाना और चिकित्सा की सुविधा फ्री में दिया जाता है।
vii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को गौ माता और जानवरों से बहुत लगाव है इसके लिए उन्होंने एक बहुत बड़ा गौशाला भी खुलवाया है जिसमें जानवरों की सेवा की जाती है और इस गौशाला में महाराज जी खुद भी जाकर गाय माता और जानवरों की सेवा करते हैं।
viii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जब भी कोई आपदा आता है तो महाराज जी गरीब बस्तियों , झूगी झोपड़ियो में जाकर गरीबों का हाल-चाल पूछते हैं और उनके लिए जरूरी खाद्य सामान भी प्रदान करते हैं।
ix) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज हाल ही मे दिसंबर 2023 में American University USA ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने , सामाजिक कार्य करने और लोगों की सेवा के लिए उन्हें डॉक्टर (डॉक्टरेट) की उपाधि से सम्मानित किया ।
x) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को YouTube पर 1 लाख Subscribers पूरा करने के लिए उन्हें YouTube की तरफ से Silver Play Button Award मिल चुका है।
xi) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को YouTube पर 10 लाख Subscribers पूरा करने के लिए उन्हें YouTube की तरफ से Golden Play Button Award मिल चुका है।
xii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के YouTube पर दो Channel हैं पहला @Dr.Aniruddhacharyajimaharaj ( 14 Millions+ Subscribrs)
और दूसरा @GauriGopalAshram ( 3.2 Millions + Subscribrs)
Xiii) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने वृंदावन में’Gauri Gopal Ashram’ की स्थापना की है जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों हजारों लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है।
Xiv) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को अब तक YouTube की तरफ से 1 Diamond, 4 Gold और 4 Silver Button Award मिल चुका है।
अनिरुद्धाचार्य जी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ about of Aniruddhacharya ji )
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की फीस ( Fees) कितनी है?
Ans- 1 से 3 लाख लगभग / कथा
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की उम्र (Age) कितनी है?
Ans- 35 साल लगभग
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की पत्नी (Wife) कौन है?
Ans- गुरू मां
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का फोन नंबर (Contact Number) क्या है?
Ans – 6399991599, 6399991699,6399991799
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज कि जाति (Caste) क्या है?
Ans- ब्राह्मण
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कितना दान (Donate) किया है?
Ans- महाराज जी गौशाला में, वृद्धाश्रम में, जरूरतमंदों की सेवा में लाखों रुपए खर्च करते हैं।
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज कौन है?
Ans- श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज एक कथावाचक , समाजसेवक , मार्गदर्शक और फेमस Youtuber भी है !
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का नेटवर्थ (Networth) कितना है?
Ans- 5 से 10 करोड़ रूपए लगभग
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की पत्नी का उम्र क्या है?
Ans- 29 साल लगभग
Q) श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की कमाई (Income) कितनी है?
Ans- 2 से 3 लाख लगभग / माह
आप सभी बड़े-छोटे भाइयों-बहनों और दोस्तों को दिल से धन्यवाद!!! 🙏🙏🙏❣️